G20 में भारत को मिली ये 5 बड़ी सफलताएं, अब चीन को सताने लगा इस बात का डर
G-20 Summit: भारत ने पहली बार जी20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की और अब तक की यह सफल समिट भी मानी जा रही है। जी20 नेताओं ने इस सम्मेलन के पहले दिन कई गंभीर चुनौतियों पर चर्चा की । साथ ही कई फैसले भी किए। इसमें मिडिल ईस्ट यूरोप कनेक्टिविटी कॉरिडोर लॉन्च और अफ्रीकन यूनियन की एंट्री पर मुहर भी लगाई गई। वहीं दूसरे दिन यानी 10 सितंबर को ग्रुप में शामिल सभी देशों ने नई दिल्ली घोषणा पत्र को भी अपना लिया। इसकी जानकारी खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने दी है। चलिए आपको इस शिखर सम्मेलन की 5 बड़ी उपलब्धियां के बारे में बताते हैं।
नई दिल्ली घोषणा पत्र पर सहमति
G20 शिखर सम्मेलन बैठक में सदस्य देशों के बीच सब की सहमति से नई दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन यानी नई दिल्ली घोषणा पत्र को अपनाया गया है। इसकी जानकारी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय मंडप में शिखर सम्मेलन के दूसरे सत्र को संबोधित करते हुए थे। उन्होंने बताया अभी-अभी अच्छी खबर मिली है कि हमारी टीमों की कड़ी मेहनत और आपके सहयोग के कारण नई दिल्ली g20 लीडर्स शिखर सम्मेलन घोषणा पर हम सहमति बन गई है। मैं अपने मंत्रियों शेर पर सभी अधिकारियों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत सही से संभव बनाया।
इंडिया मिडल ईस्ट यूरोप कनेक्टिविटी कॉरिडोर
G20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन इंडिया मिडल ईस्ट यूरोप कनेक्टिविटी कॉरिडोर को लॉन्च किया। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इन्फ्रा डील से शिपिंग समय और लागत कम होगी। जिसे व्यापार सस्ता और तेज होगा। इसे चीन की बेल्ट एवं रोड परियोजना के विकल्प के रूप में भी पेश किया जा रहा है। इस कॉरिडोर का उद्देश्य संयुक्त अरब, अमीरात, सऊदी अरब, जॉर्डन और इजराइल से होते हुए भारत से यूरोप तक पहले रेलवे मार्ग और बंदरगाह लिंकेज को एकीकृत करना है। रेल लिंक से भारत और यूरोप के बीच व्यापार करीबन 40% तक तेज हो सकता है।
ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस लॉन्च
इस बैठक में भारत के एक और प्रस्ताव पर रजामंदी बनी है। समिति के पहले दिन ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस लॉन्च किया गया इसका उद्देश्य टिकाऊ बायो फ्लू का इस्तेमाल बढ़ाना है।बायोफ्यूल पेड़-पौधे,अनाज, भूसी और फूड वेस्ट से बनाया गया ईंधन होता है और इसे कई तरह के निकल जाता है इसमें कार्बन की मात्रा होती है अगर इसका इस्तेमाल बढ़ेगा तो दुनिया में पारिवारिक ईंधन पेट्रोल डीजल पर निर्भरता कम होगी और पर्यावरण प्रदूषण भी काम होगा।
अफ्रीकन यूनियन की एंट्री
इस बैठक दिन भारत ने अफ्रीकन यूनियन को g20 का स्थाई मेंबर बनाने का प्रस्ताव रखा था बेटर अध्यक्ष तभी देश की सहमति से पीएम मोदी ने इसे पारित किया अगर एक्सपर्ट्स की माने तो अफ़्रीका में चीन का प्रभाव बड़ा है ऐसे में भारत का कम अफ्रीकन महाद्वीप पर चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए काफी एम है अफ्रीकन को देख तो सबसे तेजी से विकास करने वाला 12 देश में से छठ अफ्रीका से है इसलिए अगर दुनिया को उसे तरफ बढ़ता है तो आपको उन्हें एक हिस्सा बनाने की जरूरत है।
6G टेक्नोलॉजी पर सहमति
भारत और अमेरिका के बीच 6G टेक्नोलॉजी को डेवलप करने पर सहमति बनी है इसलिए जो एलाइंस और एम ओ यू तैयार हुआ है वह सिर्फ टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट करने पर ही नहीं बल्कि उनकी सप्लाई चैन विकसित करने पर भी केंद्र है यह चीन के कनेक्टिविटी डिवाइस सेक्टर में बाहुबली को काम करेगा अभी 5G के मामले में चीन का दुनिया के बाजार में दबदबा है।
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