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बड़े धूमधाम से मनाई गई मशहूर इंकलाबी शायर कैफ़ी आज़मी की 104 वीं जयंती

फूलपुर। शनिवार को मशहूर इंकलाबी शायर कैफ़ी आज़मी की 104 वीं जयंती मनाई गई। साथ ही मिजवां वेलफेयर सोसायटी के तीस वर्ष पूरे होने पर फ़तेह मंजिल से लेकर कैफ़ी आज़मी बालिका इंटर कालेज तक  अपरिमित स्थापना दिवस का धूम रहा ।कैफ़ी आज़मी की पुत्री पूर्व सांसद , फिल्म अभिनेत्री शबाना आज़मी के नेतृत्व कार्यक्रम संपादित हुए। और इस बीच लोगों ने  कैफ़ी आज़मी को नमन किया। 
 जयंती कार्यक्रम का आरंभ  सुबह 10 बजे फ़तेह मंजिल में शबाना आज़मी ने कैफ़ी आज़मी के साथी रहे कॉमरेड हरिमंदिर पांडेय, विकास कुमार यादव, मिजवा वेलफेयर सोसायटी के मैनेजर आशुतोष त्रिपाठी,संयोगिता,इस्कफ़ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जितेंद्र हरि पांडेय,इप्टा राष्ट्रीय सदस्य बैजनाथ यादव,गोपाल आदि के साथ दीप प्रज्ज्वलित कर बारी-बारी से  कैफ़ी आज़मी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया। जिसके बाद कैफ़ी आज़मी के जीवनकाल में प्रयोग किये गये वस्त्रों,सामानों की प्रदर्शनी को लोगों ने देखा।उसके बाद कैफ़ी आज़मी बालिका इंटर कॉलेज की बालिकाओं ने बैंड बाजा बजाते हुये मुख्य समारोह स्थल पहुंची,जिसका नेतृत्व अभिनेत्री और पूर्व सांसद शबाना आज़मी ने किया।
       कैफ़ी बालिका इंटर कॉलेज में अपरिमित नाम से स्थापना दिवस बहुत धूमधाम से मनाते हुये विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम और कैफ़ी आज़मी के बारे में लोगों ने महत्वपूर्ण विचार रखे।
  इस अवसर पर जिला उद्यान अधिकारी, जौनपुर ने अपनी कविता से कैफ़ी आज़मी को याद किया।पूर्व  विधायक श्याम बहादुर यादव ने कहा कि कैफ़ी आज़मी अपने गांव मिजवां ही नहीं उन्होंने आज़मगढ़ के विकास के बहुत कार्य किये। वरिष्ठ कॉमरेड हरिमंदिर पांडेय ने कैफ़ी आज़मी के जीवन के बारे में कई संस्मरण सुनाते हुये लोगों में चेतना जगाई।श्री पांडेय ने आगे कहा कि वे आजीवन कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े रहे।उनके गीत और शायरी आम इंसान के जीवन मे बदलाव,वैज्ञानिक समाजवाद और रूढ़ियों,अंधविश्वास के खिलाफ थी । उनकी पुत्री शबाना आज़मी ने कहा कि कैफ़ी आज़मी अपने गांव मिजवां के विकास की खातिर हमेशा चिंतित रहते थे।उनकी सोच और उनके कार्य को आगे बढ़ाने के लिये हम मिजवां,आज़मगढ़ के साथ ही मिजवां वेलफेयर सोसायटी के जरिये विभिन्न क्षेत्रों में आज़मगढ़ के बाहर भी लोगों की भलाई और उनके जीवन मे बदलाव के लिये कार्य कर रहे हैं। इप्टा राष्ट्रीय समिति के सदस्य बैजनाथ यादव ने कहा कि कैफ़ी आज़मी इप्टा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ताउम्र रहे।उनकी पहल पर बनाई गई इप्टा आज़मगढ़ आज लोक संस्कृति के लिये देशभर में एक अलग पहचान बनाने में कामयाब है।मिजवां वेलफेयर सोसायटी के सदस्य विकास कुमार यादव ने कहा कि हम भविष्य में सोसायटी के क्षेत्र और कार्य को और आगे बढ़ाएंगे। सूत्रधार संस्था की तरफ अभिषेक और ममता पंडित द्वारा प्रेमचंद की कहानी पर बूढ़ी काकी प्रस्तुत किया गया,जिसकी सराहना की गई।अंशिका, श्रुति,स्तुति द्वारा ड्रामा भगत सिंह प्रस्तुत किया गया। विद्यालय की बालिकाओं ने कैफ़ी आज़मी की नज्म,गीत,समूह गीत,नाटक,ड्रामे से अतिथियों को प्रभावित किया।चिकनकारी सेंटर और विद्यालय की बालिकाओं ने मिजवां में कढ़ाई किये गये परिधान को पहनकर विद्यालय की शिक्षक प्रज्ञा के निर्देशन में रैम्प पर चलने लगी तो  शबाना आज़मी ने भी उनका साथ दिया।दर्शकों के लिये मिजवां गांव में पहली बार यह अद्भुत नजारा देखने को मिला।कैफ़ी साहब की चर्चित नज्म उठ मेरी जान को खुद शबाना आज़मी ने सुनाया तो परिसर तालियों से गूंज उठा।विद्यालय और चिकनकारी से जुड़ी गरीब बालिकाओं को हीरो साइकिल के सौजन्य से 50 साइकिल वितरण भी किया गया।ड्रामा निर्देशन के लिये धर्मराज और सभी प्रतिभागियों में प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया कैफ़ी आज़मी की मृत्यु के बाद पहली बार मिजवां में शबाना आज़मी की उपस्थिति में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए और लोगों के कैफ़ी आज़मी के विचारों को सुनकर मिजवां और आसपास के लोग काफी प्रफुल्लित थे।कार्यक्रम की अध्यक्षता शबाना आज़मी,संचालन शिक्षक दिनेश यादव एवम राजेश यादव ने किया।कार्यक्रम को सफल बनाने में मिजवा वेलफेयर सोसायटी के मैनेजर आशुतोष त्रिपाठी , तृप्ति सिंह , प्रज्ञा सिंह और सोसायटी से जुड़े अन्य सदस्यों का अहम योगदान रहा।इस अवसर पर राजेश कुमार यादव, हरिमंदिर पांडेय,मुकेश सिंह, संयोगिता, गोपाल, प्रजापति ,रामफेर,अधिवक्ता रवि नारायन राय,जय किशन पांडेय, मनोज प्रजापति,शीला यादव, पंकज चतुर्वेदी, धर्मराज आदि के साथ ही बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी, पत्रकार,मिजवां गांव और आसपास के महिलाओं,पुरुषों की उपस्थिति से कैफ़ी आज़मी बालिका इंटर कॉलेज में ऐतिहासिक भीड़ दिनभर जमी रही।


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