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नाटक " ठग ठगे गये " का का हुआ मंचन

प्रयागराज।  उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ द्वारा आयोजित तीन दिवसीय राज्य नाट्य समारोह का शुभारंभ जगत तरण गोल्डेन जुबली प्रेक्षागृह में बुधवार को लखनऊ की मदर सेवा संस्थान के नाटक ठग ठगे गये से हुआ। सहयोग माध्यम संस्थान का रहा।
     सुशील कुमार सिंह द्वारा लिखित तथा महेश चंद्र देवा द्वारा निर्देशित यह नाटक अंधविश्वास और पाप पुण्य लोगों को ठगने वाले साधनों का भंडाफोड़ करता है। जो वर्तमान समय में समसामयिक है। नाटक में धूर्त और मक्कार ठग आये दिन सीधे-सरल, भोले-भाले आम जनों को तरह- तरह के अंधविश्वासों,पाप-पुण्य,स्वर्ग- नर्क के चक्करों  में उलझा कर उन्हे लूटते हैं,अपना उल्लू सीधा करते हैं।

गुरू और घन्टोले नाम के दो धूर्त ठग जो गुरू - चेले जंगल में एक कुएँ के पास अपना अड्डा  जमाये हर आने - जाने वाले राहगीर को तरह-तरह के हथकंडे अपना कर ठगा करते हैं। किसी को ज्योतिषी बन राहू - केतु जैसे गृहों का भय दिखा कर और किसी को कुएँ के देव के प्रकोप से डरा कर उनका धन, गहने, जेवर आदि लूट लिया करते हैं। एक बुद्धिमान बहू ने इन ठगों की करतूतों को भाँप कर इन्हीं के टोटकों को अपना कर न केवल अपनी सास,पति और खुद को लुटने से बचाती है बल्कि अन्य मुसाफ़िरों को भी इनके चंगुल में फँसने से बचातीहै।इस तरह अक़लमन्द बहू ठगों को भी ठग लेती है। कलाकारों में श्रीकांत - सूत्रधार/ बेटा, मोहम्मद अमन  - गुरु, ऋतिक शाक्य -  घन्टोले, मोहम्मद सैफ - साहूकार, सोनाली वाल्मीकि - बहू, पूर्णिमा सिद्धार्थ - सास, शिखा वाल्मीकि - बालक ने अभिनय किया तथा संगीत संयोजन एवं गायन - रमेश कुमार, नक्कारा - दीन मोहम्मद, मंच निर्माण - स्नेहा गौतम वेशभूषा -नीलिमा चौधरी एवं सोनाली वाल्मीकि , रंगदीपन - सरताज, रूपसजा - ममता, प्रस्तुति नियंत्रक - किरन लता ने किया। 

नाट्य समारोह का संयोजन शैलजा कांत ने किया, कार्यक्रम सहायक ध्रुवेंद्र विक्रम सिंह रहे तथा संचालन डॉ अशोक कुमार शुक्ल ने किया।


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