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आजमगढ़ प्राइवेट विघालय संचालकों की मन मानी पैसा ऐठने के लिय हर वर्ष बदल रहे है किताबें

आजमगढ़ में कुछ प्राइवेट विघालय संचालकों की मन मानी पैसा ऐठने के लिय हर वर्ष बदल रहे है किताबें ,अपने मन मुताबिक छपवाते है दाम ,उत्तर प्रदेश आजमगढ़ जिले मे धड़ल्ले से प्राइवेट विघालय के संचालक धन उगाही व लूट पाट मचाए हुय है अभिभावकों की कमर तोड़ने के लिए हर वर्ष किताबें बदल रहे है। सम्बंधित विभाग वा अधिकारी कुंभकर्णी नीद मे सोया हुआ है।

जैसे कोई बच्चा नर्सरी के क्लास मे पढ़ रहा है दूसरा बच्चा LKG के क्लास मे पढ़ रहा है तीसरा बच्चा UKG के क्लास मे पढ़ रहा है चौथा बच्चा कक्षा एक मे पढ़ रहा है।

दूसरे वर्ष मे जो बच्चा नर्सरी के क्लास से पास होकर LKG के क्लास मे गया है तो वह बच्चा पिछले वर्ष के बच्चे की LKG की किताब से उसी विघालय मे नहीं पढ़ सकता क्यों की विघालय के संचालक का कहना है की हर वर्ष किताबें चेन्ज होती है एक दूसरे बच्चे की किताब को अगले वर्ष उसी क्लास मे उसी किताब को कोई दूसरा बच्चा नहीं पढ़ सकता है।

 गौर करने की बात यह है की जो किताब विघालय मे पढ़ाई जाएगी वह बाजार मे नहीं मिलती है कारण यह है की प्राइवेट विघालय संचालक हर वर्ष किताबें अपने मन मुताबिक दाम मे छपवाते है अभिभावकों की कमर तोड़ने के लिए। अगर किसी के घर के चार बच्चे पढ़ रहे है सीरियल वाइज क्लास मे जैसे नर्सरी , LKG, UKL, कक्षा एक मे। दूसरे वर्ष नर्सरी वाला बच्चा LKG के बच्चे की किताब को उसी विघालय मे नहीं पढ़ सकता LKG वाला बच्चा दूसरे वर्ष मे UKG वाले बच्चे की किताब को उसी विघालय मे नहीं पढ़ सकता क्यों की प्राइवेट विघालय संचालक अपने विघालय की किताब हर वर्ष चेन्ज कर देते है अभिभावकों से पैसा ऐंठने के लिए मन मुताबिक दाम की किताबें छपवाकर ।

प्राइवेट विघालय संचालक सरकार को बदनाम करने के साथ साथ शिक्षा का असितित्व गिराने से बाज नहीं आ रहे है और शिक्षा को बिजनेश बना कर स्तेमाल कर रहे है संबंधित विभाग वा अधिकारियों को इस मामले को संज्ञान मे लेकर उचित कार्यवाही करने की आवश्यकता है।


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