आश्चर्यजनक रूप से बदल रहा है दुनिया का भूगोल - प्रोफेसर डी.के.त्रिपाठी
- राणा प्रताप कालेज में हुई संगोष्ठी
सुलतानपुर। '2035 तक हिमालय के ग्लेशियर समाप्त हो सकते हैं। बारह साल बाद गंगा नदी में पानी का संकट हो जायेगा। दुनिया का भूगोल आश्चर्यजनक रूप से बदल रहा है। ऐसा ग्लोबल वार्मिंग के कारण हो रहा है।' यह बातें राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर दिनेश कुमार त्रिपाठी ने कहीं।
वह महाविद्यालय में बाबू धनंजय सिंह स्मृति आंतरिक व्याख्यान माला के उद्घाटन अवसर पर 'ग्लोबल वार्मिंग मानव अस्तित्व के लिए गंभीर चुनौती' विषय पर आयोजित संगोष्ठी को बतौर मुख्य वक्ता सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि पृथ्वी का जमना और गर्म होना एक सामान्य प्रक्रिया है। वर्तमान में ग्रीन हाउस प्रभाव के कारण ग्लोबल वार्मिंग बढ़ी है। जिससे मौसम और वातावरण में तेजी से बदलाव हो रहा है । इससे बचने के लिए बताये जा रहे उपायों को हमें गम्भीरता पूर्वक तेजी से लागू करना होगा।
बाबू धनंजय सिंह स्मृति आंतरिक व्याख्यान माला के समन्वयक डॉ.आलोक पाण्डेय ने बताया कि महाविद्यालय के विद्यार्थी और शिक्षक नवीन तथ्यों से जुड़ सकें और विभिन्न विषयों से उनका जुड़ाव हो सके इसलिए इस आंतरिक व्याख्यान माला की शुरुआत की गई है। व्याख्यान माला महाविद्यालय के संगोष्ठी कक्ष में हर शनिवार को दोपहर एक बजे से आयोजित होगी।
संगोष्ठी का संचालन डॉ.प्रभात श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर उप प्राचार्य प्रोफेसर निशा सिंह,आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के निदेशक इंद्रमणि कुमार समेत शिक्षक व विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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